________________
भूमिका किसी भी वस्तु को बुद्धिपूर्वक समझने के लिए तर्क का आश्रय लेना आवश्यक है, इस बात को हम अच्छी तरह समझ गये और साथ ही इस बात को भी स्वीकार करते है कि तर्क करते समय वहुधा अनेक स्थानो पर गलतियाँ हो जाने का भी अदेशा रहता है । अब हम आगे वढे ।
किसी अदालत के दृश्य की कल्पना कीजिए । न्यायाधीग, फरियादी, अभियुक्त, फरियादी पक्ष का वकील, वचाव पक्ष का वकील, ज्युरी के सदस्य और ऐसे प्रेक्षकगण जिन्हे इस मामले में दिलचस्पी हो, इस तरह सात प्रकार के लोग यहाँ पर इकट्ठे होते है । मुकदमे की कार्यवाही शुरू होने के बाद दोनो पक्ष के गवाहो की जाँच की जाती है । दोनो ओर से वहस होती है। न्यायाधीश ज्युरी का मार्गदर्शन करते है, फिर ज्युरी अपना अभिप्राय प्रकट करती है।
तत्पश्चात् न्यायाधीश के लिए फैमला करने का कार्य वाकी रह जाता है। न्यायाधीश अपना फैसला किस प्रकार सुनाते है । न्याय के आसन पर विराजमान जज साहब के पास कानूनी ज्ञान, अनुभव, आसन को पवित्रता (Dignity) ये सब बातें होती है । मुकदमे की कार्यवाही प्रारभ होते समय जज साहब 'तटस्थवृत्ति' के पवित्र सिंहासन पर बैठे हुए होते है।