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________________ इसी तरह, बैरिस्टर माहब के अदालतो काम-काज में भी त्याद्वाद का उपयोग लाभदायक रीति में किया जा सकता है। उदाहरणार्थ, एक पेढी के मुनीमजी का खून हो गया है । इस केन मे हम चक्रवर्ती माहब को बचाव पक्ष के बैरिस्टर नियुक्त करते है। द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव को चारो अपेक्षाएं इन खून के केस पर लागू होती है। (१) बमूली करके लौटने न्यून हुअा है। -द्रव्य (-) क्बई गहर में चोवी तालाब के पास खून हुमा । क्षेत्र (B) दोपहर के ढाई से तीन बजे के बीच खून हुा ।काल्न (४) लूटने के इरादे ने खून किया गया। -भाव अब बैरिस्टर चक्रवर्ती अभियुक्त के बचाव के लिए ऊपर के संयोगो और तथ्यों को ध्यान में लेकर द्रन्ध, क्षेत्र, काल और भाव की अपेक्षाओं ने युक्त नेम तैयार करते हैं। (१) बून अभियुक्त ने नहीं किया है। -द्रव्य (२) अभियुक्त बोबी तालाब के पास नहीं था। -क्षेत्र (३) दोपहर के एक बजे में चार बजे तक अभियुक्त वोगबनी में था, और इस बात के गवाह तय प्रमाण मौजूद है। -काल (४) अभियुक्त ऐमा व्यक्ति नहीं है जो खून करे । उसने अपने जीवन में कभी बटमल या मच्छर भी नहीं मारा है। -भाव उपरि निर्दिष्ट दोनों चतुष्टयो मे से मुनीमजी, जिनका खून हुआ है, के लिए जो स्वचतुष्टय है वह अभियुक्त के लिए पर
SR No.010147
Book TitleAnekant va Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandulal C Shah
PublisherJain Marg Aradhak Samiti Belgaon
Publication Year1963
Total Pages437
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size13 MB
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