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मडल को भी शामिल करके हमने एक 'ग्रुप फोटो' बनवाया है । इस फोटोग्राफ के विषय में जब हम कहते है, कि 'यह हमारे मित्रमडल-परिवार का फोटो है ।' तव हम 'सामान्य' अर्थ मे उसका वर्णन करते है। उसके बाद जब हम उस फोटो मे पुत्र, पुत्री, पत्नी, भाई,वहन यादि का नाम लेकर उनकी अलग २ पहचान करवाएँ, तव हम 'विशेप' अर्थ मे उसका वर्णन करते है।" ___ इस प्रकार जब हम प्रत्येक वस्तु का सामान्य और विशेपस्वरूपात्मक और लक्षणात्मक-वर्णन करते है, तव 'नैगम नय' उन दोनो स्वरूपो को स्वीकार करता है, परन्तु वह हमे उनका अलग अलग परिचय देता है ! यह हुई 'नैगम नय' की वात ।
(२) संग्रह नय यह नय वस्तु के सामान्य स्वरूप का । परिचय देता है। 'नगम नय' मे वस्त के सामान्य तथा विशेष,
दोनो स्वरूप बताये गये है। उनमे से वस्तु के सामान्य स्वरूप के विषय मे यह नय हमे ज्ञान देता है ।
अग्रेजी मे इस सग्रह नय को Collective अथवा Synthetic opproach कह सकते है । synthetic शब्द यहाँ Synthesis का सूचक है, Synthesis माने 'एकीकरण' ।
यह नय प्रत्येक वस्तु को केवल सामान्य धर्म वाली ही मान कर उस रूप मे हमे उसका परिचय देता है । इसका अभिप्राय ऐसा है कि, सामान्य से भिन्न विशेष आकाश-कुसुम वत्, अर्थात् 'असत्' है । नीम या आम के पेड वनस्पति से अलग करके नही देखे जाते । अगुलियाँ हाथ से अलग नहीं है, और हाथ शरीर से अलग नही है ।