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इस वात को जरा और स्पष्ट करेंगे | ग्राम और केला दोनो फल है । हमने दो भिन्न भिन्न टोकरी मे ग्राम ग्रर केले रखे हैं । भवत् दो हजार सत्रह ( २०१७ ) के वैमाख शुक्ला पूर्णिमा के दिन सुबह सात बजे दोनो टोकरे खोलने पर पता चलता है कि ग्राम और केले दोनो फल पक कर खाने योग्य वन गये है । जब दोनो प्रकार के फल पक कर खाने योग्यतैयार हो गये तब उस दिन सुबह के मात बजे थे ।
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अव यह ग्राम का टोकरा दस दिन पहले ला रखा था, जव कि केले अगले दिन शाम को ही लाकर रखे है । जब लाकर रखे तव दोनो प्रकार के फल कच्चे थे। दोनो खाने योग्य - पक कर तैयार तो उपर्युक्त दिन को सुबह सात वजे हुए । यहाँ नाम समझने की बात यह है कि इन दोनो फलो के पकने का समय सुबह सात बजे का नही है | आम और केले के अलग अलग पकने के काल का समय का प्रश्न जब उपस्थित हो तब उचित समझ तथा गिनती के द्वारा हम कहेंगे कि ग्राम का ( पकने का ) समय दस दिन का है और केलो का ( पकने का ) समय बारह या सोलह घटो का है । ( ग्राम को पकने में दस दिन का समय लगा और केलो को बारह या सोलह घटो का ) इस दृष्टि से इन दोनो का - कच्चे से परिवत्तित होकर पके फल बनने का काल - समय-ग्रलग अलग है । साधारण समझ के लिये कुछ और उदाहरण लेते हैं । १) ऋषभदेव भगवान के निर्वारण के बाद का समय गरिणत लाखो वर्ष ।
२) वर्षा होने का समय = चौमासा ( इसी तरह अन्य ऋतुओं का समय भी समझिये ) ।