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प्रमुख जैन तीर्थक्षेत्र
[ विहार प्रान्त ]
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सम्मेद शिखर- - इस क्षेत्र से २० तीर्थङ्कर एव असख्यात मुनि मोक्ष गये है । पारसनाथ स्टेशन से एव गिरिडीह से शिखरजी जाने के लिये मोटर मिलती है । गुणावा -- नवादा स्टेशन से डेढ़ मील । यहाँ से गौतम स्वामी मोक्ष गये है । पावापुरी - नवादा से मोटर जाती है। यहाँ से महावीर स्वामी कार्तिक कृष्णा ३० को मोक्ष गये हैं। जल-मन्दिर दर्शनीय है ।
राजगृही -- विपुलाचल, सोनागिरि, रत्नागिरि, उदयगिरि, वैभारगिरि-ये पञ्च पहाड़ियों प्रसिद्ध है । इन पर २३ तोर्थङ्करो का समवशरण जाया था ।
कुण्डलपुर - नालन्दा स्टेशन से ३ मील दूर - भगवान महावीर का जन्मस्थान है । चम्पापुरी - भागलपुर स्टेशन । यहाँ से वासुपूज्य स्वामी मोक्ष गये है । गुलजार बाग - ( पटना ) यहाँ से सेठ सुदर्शन मुक्ति गये हैं ।
[ उडीसा प्रान्त ]
खण्डगिरि - उदयगिरि - भुवनेश्वर स्टेशन से ४ मोल पर दो पहाडियाँ है । यहाँ स कलिंग देश के ५०० मुनि मोक्ष गये है ।
[ उत्तर प्रदेश ]
सिहपुरी - बनारस से ७ मील । यहाँ श्रेयांसनाथ भगवान के गर्भ, जन्म, तपये तीन कल्याणक हुए थे । वर्तमान मे सारनाथ के नाम से प्रख्यात है ।
चन्द्रपुरी - बनारस से १३ मील अथवा 'सारनाथ' से ६ मील गंगा के किनारे पर है। यहाँ पर चन्द्रप्रभु भगवान का जन्म हुआ था ।
अयोध्या - आदिनाथजी, अजितनाथजी, अभिनन्दननाथजो, सुमतिनाथजी, अनन्तनाथजी का जन्मस्थान ।
अहिक्षेत्र - बरेली-अलीगढ़ लाइन पर आमला स्टेशन से ८ मील । यहाँ भगवान पार्श्वनाथ के ऊपर कमठ ने घोर उपसर्ग किया था और उन्हे केवलज्ञान प्राप्ति हुआ था । हस्तिनापुर - शान्तिनाथ, कुन्धनाथ, और अरहनाथ तीर्थङ्करो के गर्भ, जन्म, तप और ज्ञान कल्याणक हुए थे ।
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चौरासी - मथुरा शहर से २|| मील । यहाँ से जम्बू स्वामी मोक्ष गए थे । शौरीपुर - शिकोहाबाद से १० मील पर बटेश्वर ग्राम है। यहाँ पर नेमिनाथ स्वामी के गर्भ और जन्म- ये दो कल्याणक हुए थे 1
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