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चरित्रके प्रति सम्मान प्रत्येक परिवार को अन्य सदस्य का सम्मान करना चरित्रके प्रति सम्मान है। जोवनसम्बन्धी कव्य हिमाका निषेधक है, तो स्वतन्त्रता harat riव्य अन्य व्यक्ति स्वतन्त्रताका दमन न करनेका संकेत करता है। यह कर्त्तव्य अन्य व्यक्तियोको क्षति पहुँचाने का निषेध तो करता ही है, साथ ही इस बातको विधि भी करता है कि हुने दूसरो के व्यक्तित्व के विकामको प्रोत्साहित करना है । यह विधेयात्मक कर्तव्य अन्य व्यक्तियोंके चारित्रिक विकासके लिए अनुप्रणित करता है। जो व्यक्ति परिवार और समाज के समस्त सदस्योको चारित्र विकास अगर देता है, वह परिवारकी उनति करता है और सभी प्रकारसे जोवनको मुग्गी-समृद्ध बनाता है।
सम्पत्तिका सम्मान
सम्पत्तिके सम्मानका अर्थ व्यक्तियो के सम्पत्तिसम्बन्धी अधिकारको स्वीकृत करना । यह कर्तव्य भी एक निषेधात्मक कर्तव्य है, क्योंकि यह अन्य व्यक्तियो
तीर्थंकर महावीर और उनकी देशना ५६१
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