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जेन पूजा पाठ मह
श्री चम्पापुर सिद्धक्षेत्र पूजा दोहा
उत्सव किय पनवार जहॅ, सुरगणयुत हरि आय । जजों सुथल वसुपूज्य तसु, चम्पापुर हर्षाय ॥
ॐ ह्रीं श्री नन्नापुर क्षेत्र । अत्रावतरायत्तर सीपट् । ॐ ह्रीं श्री चम्पापुर सिद्धक्षेत्र । अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ ठ स्थापनम् । ॐ ह्रीं श्री चम्पापुर सिद्धक्षेत्र । अत्र मन सहितो भय भय यद् । अष्टक चाल नन्दीश्वर पूजन की
सम अमिय विगतत्रस वारि, लै हिम कुम्भ भरा । लख सुखद त्रिगदहरतार, दे प्रय धार धरा ॥ श्रीवासुपूज्य जिनराय, निर्वृतिथान प्रिया । चम्पापुर थल सुखदाय, पूजों हर्प हिया ॥ १ ॥
ॐ ह्रीं श्री चम्पापुर सिद्धऐत्रेभ्यो अन्मजरामृत्युविनाशनाय जल निर्वपामीति स्वाहा ||१|
कश्मीरी केशर सार, अति ही पवित्र खरी ।
शीतल चन्दन संग सार लै भव तापहरी ॥ श्री० ॥ ॐ ही श्री चम्पापुर सिद्धक्षेत्रेभ्यो ससारतापविनाशनाय चन्दन निर्वपामीति स्वष्टा ॥ २ ॥
मणिद्युतिसम खण्ड विहीन, तन्दुल लै नीके । सौरभ युत नव वर वीन, शालि महा नीके ॥ श्री० ॥
ॐ ह्रीं श्री चम्पापुर सिद्धतेनेभ्यो अक्षयपदप्राप्तये भक्षत निर्वपामीति स्वाहा ॥ ३ ॥
अलि लुभन सुभग हगघ्राण, सुमन जु सुरद्रुमके | ले वाहिस अर्जुन वाण, सुमन दमन झुमके ॥ श्री०
७)
ॐ ह्रीं श्री चम्पापुर सिद्धक्षेत्रेभ्यो कामवाणविध्वशनाय पुष्प निर्वपामीति स्वाहा ॥ ४ ॥