________________
PAR
पर पिद नुन कार पर आयो, रुपाकीज्यो नायजी ॥३॥ तुम पन्द्रबदन पत्र न, पन्नपुरि परमेम्बरो।
महानननन्दन गन्दन, गन्नाथ जिनेवरो ॥ ४ ॥ तुम शान्ति पांच बार पूनों, गन पर फापन।
दुर्मिस यांग पासमान, पिन ताप पलार जू॥५॥ तुम पार Eि . भाप न विकारानी।
भीनगिनाय विधगिर, पाय-तिमिरविनानो ॥६॥ जिमनी गन, माया, मम पा गरी ।
चाम्पियनसिपमा नाप शिव-नगणी बरी॥७॥ चन्दपप समस्तरउन, पाटन न किया।
नन्दन गत मन्दन, सपल संघ मगल फिगों ।। ८ ।। हिनपरी पानका दीक्षा फमट . मान विहारः।
भोपाननाय मिन्टन पट. नमोर धार ॥६॥ तुग फर्माना नोक्षदाता, दीन जानि दया करो।
मिडानन्दन कामपन्दन महावीर जिनगे ॥१०॥ म मा मुग्ना मो, पीनी र धाग्यि।
का नोट मेरपीनव.आवागमन निवारिये ॥११॥ यवहार भर भर मामि , मेंगदा मेवफ रहा।
करागी कामान गांग, गोसफल ज्ञापन मा ॥१२॥ बीप. माई प. गर्ज, पर मांहि अनेकनी।
एक अनश की नहिं मंग्या नम मिद निरजनी ॥ १३ ॥