SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 230
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २०८ ) रत्नकड श्रावकाचार - लेखक समन्नभद्राचार्य, टी० प्रभाचन्द्राचार्य, सपा० व प्रस्तावना लेखक पडित जुगलकिशोर मुख्तार, प्र० मारिणकचन्द्र दि० जैन ग्रंथमाला बम्बई, भा० स० हिन्दी, पृ० ४५०, व० १६२५, आ० प्रथम । रत्नकरड श्रावकाचार - लेखक सन्तभद्राचार्य, हि० टी० पंडित सदासुख जी, प्र० बाबू सूरजभान वकील देवबन्द, भा० हिन्दी, पृ० ३७६, व० १८१७, श्रा० प्रथम । रत्नकरंढयावकाचार --- लेखक समन्तभद्राचार्य, सपा० ब० भगवानदास, प्र० जैन दिगम्बर ग्रथ माला अहमदाबाद, भा० स० पृ० १५६, व १६३२, प्रा० प्रथम । रत्नकरं श्रावकाचार - नेखक समन्तभद्राचार्य सपा० पंडित गौरीलाल: प्र० स्वयं कलकत्ता, भा० स०, पृ० २७४, ० १६३८, प्रा० प्रथम । रत्न करंड श्रावकाचार - लेखक समन्तभद्राचार्य, अनु० पडित पन्नालाल सा० प्रा० प्र० सरल जैन प्रथमाला जबलपुर, भा० स० हिन्दी पृ० १२०, व० १६३६, प्रा० रथम | रत्नाकर डाव का चार - लेखक ममन्तभद्राचार्य, हिन्दी पद्य० अनु० मुख्तार सिंह जैन, टी० मनासुन्दरी जैन प० दि० जैनपुस्तकालय मुजफ्फरनगर, भा० हिन्दी, पृ० ७५, ० १६४१, ० प्रथम । रत्नकरं डश्रावकाचार - लेखक समन्तभद्राचार्य, अनु० टी० उग्रसेन एम० ए०, प्र० जैन मित्रमंडल देहली, भा० स० हिन्दी, पृ० २७२, ० १९४०, आ० प्रथम । रत्नकरं श्रावकाचार लेखक समन्तभद्रावार्य, अनु० मोहनलाल का ती० प्र० हरप्रसाद जैन लहरी, भा० स० हिन्दी, पृ० ११२ व १९४३, प्रा० द्वितीय | रत्नकरंड श्रावकाचार - लेखक समन्तभद्राचार्य, हिन्दी पद्य अनु० गिरधर शर्मा, प्र० जैन मित्र मंडल देहली, भा० हिन्दी, पृ० ६२, व० ११२५ । रत्नकरं श्रावकाचार - लेखक समन्तभद्राचार्य, टी० पं० सदासुख जी
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy