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________________ ( १९५) जौहरी बम्बई, भा० हि०, पृ० १४२३, २० १९१४, मा० प्रथम । भावना-लेखक शोभाचन्द्र भारिल्ल, भा० हि०, पृ० ३६, ३० १९३६ । ' भावना बोध-लेखक श्री मद्राजचन्द्र, अनु० जगदीशचन्द्र, भा० हि०, पृ० १२०, ३० १९३७ । भावना लहरी-लेखक विविध, भा० हि०, पृ० ४८, प्र० दिगम्बर जैन शास्त्र भडार पानीपत, व०, १६३६ । भावना विवेक-लेखक ५० चैनसुखदास, अनु० ५० भंवरलाल, प्र० सब्दोष ग्रंथ माला जयपुर, भा० स० हि; पृ० २८०; व. १९४१, प्रा० प्रथम । भावना संग्रह-प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० हि०, पु० २८, प्रा० प्रथम। भावत्रिभङ्गो-लेखक श्रुत मुनि, भा० स०, (भाव संग्रहादि में प्र०)। भाव पाहुड-लेखक कुन्दकुन्द, भा० प्रा०, (प्रष्ट पाहुड व षट् पाहुड में प्र०) अपरनाम भाव प्रामृत । भाव संग्रहादि (४ प्रथ)-लेखक विभिन्न, सपा० ५० पन्नालाल सोनी, प्र० माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन प्रथ माला बम्बई, भा० स० प्रा०, पृ. ३२८, २०१६२१, प्रा० प्रथम । भाषा एकोभाव-प्र० बा० सूरजभान वकील देवबद, २० १८९८, भा० हि। भाषा कल्याण मन्दिर-प्र० बा० सूरजभान वकील देवबद, व० १८९८, भा० हि । भाषा जैन नित्य पाठ संग्रह-प्र० भारतीय जैन सिद्धात प्रकाशनी संस्था कलकत्ता, भा० हि०, पृ० १४४ । भाषा नित्य पूजा (सार्थ)--अनु० भुवनेन्द्र विश्व, प्र० सरल जैन नथ - माला जबलपुर; भा० हि, पृ०५६, २० १९३६, प्रा० प्रथम ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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