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________________ ( १६४ ) भरतेशवैभव (प्रथम भाग ) - लेखक महाकवि रन्न; तु० वर्धमान पाइवंनाथ शास्त्री, प्र० रावजी मखारामदोशी शोलापुर, भा० हि०, पृ० २०८, व० १६३६, ना० प्रथम । भरतेशवैभव ( द्वितीय भाग ) - लेखक महाकवि रन्न; अनु० वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, प्र० गोविन्दजी रावजी दोशी शोलापुर, भा० ०ि, पृ० ३५८; व० १९४१, प्रा० प्रथम । भरतेशवैभव (तृतीय भाग) - ले० महाकवि रन्न, अनु० वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, प्र० स्वय अनु० शोलापुर, भा० हि०, पृ० १२२, व० १६४३, ग्रा० प्रथम । भ्रमनिवारण - लेखक न्यामतसिंह जैन, प्र० स्वयं टीकरी (मेरठ), भा० हि०, पृ० ५६, व० १६३६, आ० प्रथम । भविसदत्त चरित्र -- लेखक पं० बनवारीलाल, प्र० वीर जैन साहित्य कार्यालय हिसार, भा० हि० (पद्य), पृ० १९३, ० १६१६, प्रा० प्रथम भविसयत्त कहा - लेखक धनपाल, सपा० सी डी दलाल, भा० अप० प० पृ० ३८१, व० १६२३ । भाग्य और पुरुषार्थ - लेखक बा० सूरजभान वकील, प्र० कुलवन्तराय जैन, भा० हि०, पृ० ३८ । भाद्रपद पूजा सग्रह -- संग्रह० प० कस्तूरचन्द, प्र० जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० हि०, पृ० १४० । भारत का आदि सम्राट - लेखक स्वामी कर्मानन्द प्र० दिगम्बर जैन सघ मथुरा, भा० हि०, पृ० ३०, व० १६३८ । भारत के सपूत- - लेखक मुन्नालाल समगौरिया, प्र० दुलीचन्द परवार कलकत्ता, भा० [हिं०, पृ० ४३, व० १६४१, प्रा० प्रथम । भारत गौरव (सम्राट चन्द्रगुप्त ) - लेखक जिनेश्वर प्रसाद मायल, भा० हि० । भारत वर्षीय दिगम्बर जैन डायरेक्टरी- - प्र० सेठ ठाकुरदास भगवानदास
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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