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________________ ( १९२ ) भगवान नेमनाथ - लेखक राजमल सोडा; प्र० जैन साहित्य कार्यालय मन्दसौर, भाषा हिन्दी, पृ० १६, वर्ष १६३५, मा० प्रथम । भगवान महावीर -- लेखक मूलचन्द वत्सल, प्र० चैतन्य प्रिंटिंग प्रेस बिजनौर, भाषा हिन्दी; पृ० १६, वर्ष १६३१, आ० प्रथम । भगवान महावीर - लेखक बाबू कामताप्रशाद जैन, प्र० मूलचन्द किशनदास कापड़या सूरत, भा• हिन्दी, पृ० २८० वर्ष १६२४, प्रा० प्रथम । भगवान महावीर और उनका उपदेश - ले० कामता प्रसाद जैन, प्रश् वीर कार्यालय बिजनौर, भाषा हिन्दी, पृष्ठ ४६, वर्ष १६२५, ० प्रथम । भगवान महावीर और उनका दिव्य उपदेश—संपा० सप्र० ताराचन्द परिया, प्र० जैन भ्रातृ संघ आगरा, भाषा हिन्दी, पृष्ठ २४ । भगवान महावीर और उनका समय ले० प० जुगलकिशोर मुरार; प्र० हीरालाल पन्नालाल देहली, भाषा हिन्दी, पृष्ठ ६२, व० १९३४, प्रा० प्रथम । भगवान महावीर और महात्मा बुद्ध-से० बा० कामताप्रसाद, प्र० दिगम्बर जैन पुस्तकालय सूरत; भाषा हिन्दी; पृष्ठ २७१ व १६२७, प्रा० प्रथम । भगवान महावोर और स्याद्वाद - ले० बाबू जयभगवान वकील, प्र० दिगम्बर जैन शास्त्र भडार पानीपत; भाषा हिन्दी, पृष्ठ ८, वर्ष १६३८, ० प्रथम । भगवान महावीर का अचेलक धम-ले० पडित कैलाशचन्द्र, प्र० दिन० जैन सघ मथुरा, भाषा हिन्दी, पुष्ठ ३५, वर्ष १६४५; प्रा० प्रथम । भगवान महावीर का जहूर ले० पंडित न्यामतसिंह, प्र० स्वयं हिसार; भाषा हिन्दी, पृष्ठ ३१, ६० १९२० प्रा० प्रथम । ---- भगवान महावीर का समय- - लेखक कामताप्रसाद जैन, भाषा हिंदी, पृष्ठ ३१; व १६३२: मा० प्रथम । भगवान महार की अहिंसा और भारत के देशी राज्यां पर उसका
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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