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________________ ( १६१ ) भक्तामर स्तोत्र -- लेखक मानतुरंगाचार्य, हि० पचानुवाद कवि हेमराज, टी. सुमेरचन्द चन्द जन उन्नीषु प्र० मित्र सेन मामचन्द जैन देवबन्द, भा० स० हि०, पृ० ४१ । भक्तामर स्तोत्र ( सटीक ) - ले० मानतु गाचार्य; प्र० मुशीनाथूराम लमेचू मुडावरा; भ० स० हि०, पृ० ३२; १० १९०६ प्रा० प्रथम | भक्तावर स्तोत्र (सार्थ) - ले० पाडे हेमराज, टी. प० महेरचन्द, भा० हि० पृ० २५ । भक्तामर स्तोत्रम् - ले० मानतुङ्गः स टी सिद्धिचन्द्र हि० हेमचन्द्र; मा. स. हि ; पृ० १३६६ व १८६४ । 1 वाह या प्रदर्शन - लेखक मुन्नालाल समगोरिया; प्र० जैन • उपयोगी वस्तु भंडार देहली, भा० हि०, पृ० ४८; १० १९४४ | भगवती आराधना -- लेखक शिवार्य टी अपराजित सूरि; श्राशावर; अमितगति, हिन्दी अनुवादक जिनदास पार्श्वनाथ; भाषा प्रा. सस्कृत हिन्दी, पृष्ठ १८७८ वर्ष ε३५ । भगवती आराधना -- लेखक शिार्य, टी. पडित सदासुख जी, प्र० मुनि अनन्तकोति दिगम्बर जैन ग्रथ माला बम्बई, भाषा प्रा० हिन्दी, वर्ष १९३२ । भगवती रावना सार - लखक शिवार्य टी० पं० सदासुख जी, प्र० माणिकचन्द मोती वन्द; भाषा प्रा० हिन्दी, पृष्ठ ६३८, वर्ष १६०६, आ० प्रथम । भगवान कुन्दकुन्दाचार्य - लेखक बाबू भोलानाथ मुख्तार, प्र० दिगम्बर जन पुस्तकालय सूरत, भाषा हिन्दी, पृ० ८२ वर्ष १९४२ मा० प्रथम । # भावान धर्मादर्श - लेखक भगवानदास जैन, भाषा हिन्दी स० १० २८; ५र्ष १८६० । भवान्नाम सागर - लेखक भगवानदास जैन: भाषा हिन्दी, पृष्ठ १७५; वर्ष १६८६ ।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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