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________________ .(१४४) 0 पन्नालान वाकलीवातः प्र जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० प्रा० हि पृ० ५८, व० १९१४. प्रा. चतुर्थ । । द्रव्य समह-ले नेमिचन्द्राचार्य, टी. संपा०प० भुवनेन्द्र विश्व, प्र. जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० प्रा० हिम्, पृ०० २०१६३८, प्रा. द्वितीय। द्रव्य संग्रह (हिन्दी दोहा बढ़)-ले० मा० मुख्नारसिंहा अनु० मैना सुन्दरी; प्र० दि० जैन पुस्तकालय मुजफ्फरनगर, भार हि०, पृ०, ६, द्रव्यानुयोग तकण- ले० भोज कवि, मनु, ठाकुरप्रसाद शर्मा, भा० सं० दिन पृ० २६०, व० १९०५ ' दश पारतो भाषा-प्र० बा. सूरजमान वकील देवबंद; भाषा हिन्दी, व. १८६८। । दश भक्ति-संग्रह मुनि श्रुतसागर; प्र. जैन मित्र मण्डल देहली; भाषा हिन्दी; पृ० ४३, व० १६३२ । । दश भक्त्यादि संग्रह-ले० प्राचार्य पूज्यपाद; टी. पण्डित लालाराम, प्र. रावजी सखाराम दोशी शोल,पुर, भा० ० हि०; पु० २००; व० १९३३, हा प्रथम दशलक्षण धर्म-ले० पण्डित सदासुख जी; भाषा हिन्दी । दशलक्षण धर्म-ले० पण्डित दीपचन्द वर्णी, प्र० दिगम्बर जैन पुस्तकालय सूरत, भा० हि पृ० १३५, व० १९४२; मा० चतुर्थ। दश लक्षणधर्म पूजा-ले० पण्डित जिनेश्वरदास, प्र० मौजीलाल जैन देहली, भा० हि० पृ० ४२; व० १९३५ । दश लक्षण धम संग्रह-ले. पण्डित रइघु कवि; प्र० जैन धर्म प्रचारक हुस्तकालय वर्धा; भाषा प्रा०, पृष्ठ ६४, प्रा० प्रथम । __ दश लक्षण धर्म संग्रह (धर्म कसुमोद्यान)-ले० पण्डित पन्नालाल जैन 'सा. मा०, प्र. जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलता, भा० हि०, पृ०४१।।
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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