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________________ (१५३) दमति सुख साग्न (प्रथम भाग)-ले. पन्नालाल बाव लीवाल, प्र. जैन हितैषी पुस्तकालय बम्बई, भा० हि०, २०१६०१। दम्पति सुख माधन (द्वितीय भाग)-ले० पन्नालाल बाकलीवाल, प्र. जैन हितैषी पुस्तकालय बम्बई, भा० हि०, व० १६०१।। दयानन्द चरित्र दर्पण-० जीयालाल जैनी, प्र. चित्र विनोद पुस्तकालय फर्रूखनगर, भा० हि०, पृ० २६१ व० १८६४, प्रा० प्रथम । दयानन्द छल कपट दर्पण-ले०प० जीया नाल ज्योतिषी, प्र० स्वयं, भाषा हिन्दी, पृष्ठ २६१, वर्ष १८६०, प्रा० प्रथम । दयानन्द छन करट दर्पण-लेखक पंडित जीयालाल ज्योतिषी, प्रकाशक कामताप्रमाद दीक्षित अमरौधा (कानपुर), भाषा हिन्दी, पृष्ठ ३२४, व० १६३०, आ. द्वितीय । दया स्वीकार माँ म तिरस्कार-ले. बुधमल पाटनी, प्र. भारत धर्म पहामंडल लखनऊ, भा० हि०, पृष्ठ १०२, व० १६१४, अ० प्रथम । द्यानत पद संग्रह-ले० कवि द्यानतराय, प्र. जिनवाणी प्रचारक कार्यालय कलकत्ता, भा० हि०, पृ० ४८। दरश व्रत नाटक-प्र. जिनवाणी प्रचारक कार्लानय कलकत्ता, भा० हि । ' दर्शन और आरती-प्र० मा० शिवरामसिंह जैन रोहतक, भा० हि, पु० २६; व० १६३५, आ. द्वितीय । दर्शन कया-ले० कवि भारामल्ल, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी सस्था कलकत्ता, भा० हि०, पृ० ४६ । दर्शन कथा-ले० कवि भारामल्ल, प्र. जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, भा० हि०, पृ० ६७, व० १९१६, प्रा० चतुर्थ । - दर्शन कथा-ले० कवि भारामल्ल प्र. वा. ज्ञानचन्द जैनी लाहोर, भा० हि०, पृ० ७४, २०१९१२ । ' दर्शन कथा (साचित्र)-ले० कवि भारामल्ल, प्र० जिनवाणी प्रचारक
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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