SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१५१ ) तत्त्वार्थ सूत्र-ले० उमास्वामी, अनु० सपा० ५० सुखलाव संभवी, मात्र पं० हि०, पृ०५८८, २०१६३६ तत्वार्थ सूत्र-ले० उमास्वामी, टी० शान्तिराज शास्त्री, भा० सं०, १०४, २०१६ तत्वाथ' सत्र-ले० प्रभाचन्द्राचार्य, अनु० संपा. पं० जुगल किशोर मुख्तार, प्र० वीर सेवा मंदिर सरसावा, भा० स० हि०, पृ० ५२, ३० १९४४, मा० प्रथम । तत्त्वार्थ सूत्र का अर्थाशय-ले० मुशी नाथूराम लगेचू, प्र. स्वयं कटनी, भा० हि०, पृ०५१, व० १६०२, प्रा० प्रथम । तत्त्वार्थ सूत्र टीका-ले० प. सदासुख जी, प्र० नाना रामचन्द्र नाग अल्टण, भा० स० हि, पु०६६, २०१८६६, मा० प्रथम । तरनतारन प्रार्थनाएँ-सपा० प्र० अमृतलाल चचल, भा० हि । ताण तरण श्रावकाचार-ले० तारण तरण स्वामी, टी० ब० शीतल प्रसाद, प्र० मथुरा प्रसाद बजाज सागर, भा० हि०, पृ० ४३६, व० १६३२, पा० प्रथम। तारण पंथ समर्थन-ले० प्र० पम्पालाल जैन, भा० हि,पृ० १४, व. १६४०। वारण शन कोष(२ खंड)-ले० जयसेन क्षुल्लक, प्र० कुन्दनलाल हजारी लाल बासौदा, भा० हि०, पृ० १५५, ५० १६३६ । तारण त्रिवेणी-ने तारण स्वामी, अनु० अमृत भालचंचल, भा० सं० हि०, पृ० ११८, व० १९४० । तरण समाज के किये गये प्रश्नों के उत्तर-ले० जीवधर कुमार दरबारी लाल, प्र० तारण समात्र, भा० हिर, पृ०३४, २०१९४० । तामिल वेद-ले० तिरुवल्लवर, अनु० संपा० व प्र० जीतमल भूणिया अजमेर, भा० हि० तिलक मन्जरी- ले. धनपाल, संपा० भवदत्त शास्त्री तथा काशीनाप
SR No.010137
Book TitlePrakashit Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1958
Total Pages347
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy