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बटेश्वरदयाल वकवेरिया प्र० उदयराज जैन ग्रन्थमाला अटेर (ग्वालियर) भाषा संस्कृत हिन्दी,पृ० २५६, व, १९३७ मा० प्रथम।
तत्त्वार्थ राजकौस्तुभ (प्रथम खण्ड-२ अध्याय) ले. भट्टाकलंक देव, टी. पंडित पन्नालाल दूनी वाले, सपा० पडित सतीश चन्द्र पंडित कस्तूर चन्द, प्र. दुलीचन्द पन्नालाल परवार देवरी, भा० स० हि०, पृ० १४१, व० १९२४, प्रा. प्रथम । . तत्त्वार्थ राज वार्तिक-ले० भट्टाकलंक देव, अनु० सपा० पंडित गजाघर लाल प० मक्खन लाल, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी सस्था काशी, भा० स० हि० पृ० ४१५ व०१९१५ ।
तत्त्वार्थ राज वार्तिकालंकार (पूवार्ध)--ले० भट्टाकलंक देव, अनुवादक टी० पडित गजाधर लाल पण्डित मक्खनलाल, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी संस्था कलकत्ता, भा० स० हि० पृ० १२५१, आ. प्रथम ।
तत्त्वार्थ राज वार्तिकालकार (उत्तरार्द्ध)-ले० भट्टाकलक देव; अनु. टौ• पण्डित गजाधरलाल पण्डित मक्खन लाल, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी संस्था कलकत्ता; भाषा स० हिन्दी, पृष्ठ १२२७, प्रा. प्रथम ।
तत्त्वार्थ श्लोक वाति कम्-ले० विद्यानन्दि स्वामी, सपा० पण्डित मनोहरलाल शास्त्री, प्र० रामचन्द्र नाथारंग जी वम्बई; भाषा सं०, पृ० ५१२, . १९१८।
तत्त्वार्थसार (सटीक)-ले० अमृत चन्द्राचार्य, टी० पण्डित वशीघर, प्र० भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशनी सस्था कलकत्ता, भा० स० हि०, पृ० ४२८, क. १९१६, प्रा० प्रथम ।
तत्त्वार्थ वृत्ति-भगवदुमास्वामि विरचित, टीका श्री श्रुतसागर सूरि, हिन्दीसार प्रो० महेन्द्र कुमार न्यायाचार्य, प्रकाशक भारतीय ज्ञान पीठ, काशी पूल्य १६)।
सत्त्वार्थ सूत्र-ले० उमास्वामी, अनु० भगवान सागर ब्रह्मचारी, प्र. स्वयं अनु०, मा० सं० हि०, पृ० १४८, व०१६३३, मा० प्रथम ।