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ફ૨૨
परम ज्योति महावीर
कुछ अंश पोंछकर ठीक किया, अधरों की ललित ललामी को । वे चाह रहीं थीं, सज्जा मेंकोई त्रुरि दिखे न स्वामी को ।।
हर वस्तु ठीक कर राजा से, मिलने रानी सोल्लास चली। याँ लगा, इन्द्र से मिलने को, इन्द्राणी उनके पास चली ।।
आयो, हम भी चल राजसभा-- में सात्विक स्वप्न विधान सुनें । 'त्रिशला' माँ के गर्भाशय मेंसंस्थित शिशु का गुण गान सुनें ।।
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