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विहार स्थल नाम कोष
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मगध यह देश महावीर के समय का एक प्रसिद्ध देश था, मगध की राजधानी राजगृही महावीर के प्रचार क्षेत्रों में प्रथम और वर्षावास का मुख्य केन्द्र थी। पटना और गया जिले पूरे एवं हजारी बाग का कुछ भाग प्राचीन मगध के अन्तर्गत थे।
आलंभिया-काशी राष्ट्रान्तर्गत एक प्रसिद्ध नगरी थी। यह राजगृह से बनारस जाने वाले मार्ग पर अवस्थित थी । इसके तत्कालीन राजा का नाम जितशत्रु था ।
कून्डाक-यह सन्निवेश काशी राष्ट्र के पूर्व प्रदेश में आलंभिया के पास होना चाहिये।
महना-यह सन्निवेश कहाँ था ! यह बताना कठिन है।
बहसाल-यह ग्राम मद्दना ग्राम ओर लोहार्गला राजधानी के बीच में पड़ता था।
लोहार्गला~यह जानना कठिन है कि लोहार्गला किस देश में कहाँ थी ? इससे मिलते जुलते नाम वाले तीन स्थान हैं (१) हिमालय का लोहार्गल (२) पुष्कर-सामोद के पास वैष्णवों का प्राचीन तीर्थ लोहार्गल (३) शाहाबाद जिले की दक्षिणी सीमा में प्राचीन शहर 'लोहरडगा।
पुरिमताल-प्रयाग का ही प्राचीन नाम पुरिमताल था, ऐस अनेक विद्वानों का मत है । जैन सूत्रों के अनुसार पुरिमताल अयोध्या का शाखा नगर था । कुछ भी हो पुरिमताल एक प्राचीन नगर था यह तो निर्विवाद है।