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रहा है। आप द्वारा लगाए गए यह छोटे-छोटे पौधे आज विस्तृत-वृक्ष के रूप में प्रफुल्लित हैं। महावीर दिगम्बर जैन विद्यालय, जिनेन्द्र कला केन्द्र एवं अन्य अनेक जैन मन्दिरों आदि के आप संस्थापक तथा संचालक थे। आपके सहयोग से अनेक सामाजिक संस्थाएं उन्नति के शिखर पर पहुंचीं। श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र ऋषभनगर (मरसलगंज) कमेटी के आप सभापति रहे। इस क्षेत्र पर आपने अपने कार्यकाल में दो बार पंचकल्याणक बिम्ब प्रतिष्ठाएं कराईं। धर्म-रक्षक एवं समाज-सुधारक सम्बन्धी अनेक संस्थाएं जैसे अ. भा. दि. जैन धर्म संरक्षिणी महासभा एवं अ. विश्व जैन मिशन आदि को धर्मप्रचार में पूर्ण सहयोग प्रदान किया। आप सार्वजनिक जीवन में अत्यन्त लोकप्रिय प्रतिभा के श्रेष्ठ पुरुष सिद्ध हुए। आपका व्यक्तित्व आकर्षक और मोहक था। आपका सरल स्वभाव और मधुर-व्यवहार आपकी अपनी विशेषता थी।
आप अ. भा. पद्मावती पुरवाल महासभा के अनेक वर्षों तक सम्माननीय सभापति रहे। आपके इस सेवाकाल में सभा ने सुधार-दिशा में अच्छी प्रगति की और संगठन की दृष्टि से भी सराहनीय एवं प्रशंसनीय कार्य किया। आपका सफल एवं महत्वपूर्ण निर्णय समाज के लिए परमोपयोगी होता था। समाज को सर्वतोभावेन उन्नत करने की कामनाएं आपने अपने हृदय में संजो रखी थीं। समाज-सेवा के लिए आप प्रतिक्षण तथा प्रत्येक परिस्थिति में उद्यत रहते थे। समाज के महान् तथा अग्रसर पुरुषों में आपकी गणना की जाती थी।
श्री सेठलाल महेन्द्र कुमार जैन, टूण्डला श्री सेठलाल जैन जी का परिवार एत्मादपुर तहसील के ग्राम मोहम्मदाबाद में जहां पर एक प्राचीन जैन मंदिर है, प्रवास करता था। आपके परिवार ने व्यापार की दृष्टि से टूण्डला क्षेत्र को अपनी
पद्यावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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