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प्राचीन है जो कि मझराऊ ग्राम से यहां लाकर स्थापित की गयी हैं।
4. लाला मोरध्वज सर्राफ मंदिर मेहता पार्क वर्तमान में तीर्थंकर महावीर पार्क के निकट स्थित है इसकी स्थापना लगभग वर्ष 1958 में लाला मोरध्वज अजित प्रसाद जी सर्राफ द्वारा की गयी थी, यह मंदिर द्वितीय तल पर स्थित है, इसमें भगवान महावीर की चतुर्मुखी प्रतिमा जी स्थापित है। मंदिर जी की स्थापना के समय एक मेला पंच कल्याणक सैनिक पड़ाव एटा में सम्पन्न हुआ था। जिसे पुरानी पीढ़ी के लोग आज भी याद करते हैं। इस मंदिर की स्थापना में एक रोचक कहानी है लालाजी इस जगह पर एक मिनी सिनेमा हाल स्थापित करना चाहते थे और उसी के नक्शे के अनुरूप इसकी नींव भरवा दी गयी। इस सिनेमा हाल का विरोध इसी के सामने स्थित आर्य समाज मंदिर की कार्यकारिणी के द्वारा किये जाने से सिनेमा हाल रुक गया, घर-परिवार की मंत्रणा एवं दादी मां श्रीमती नेमीवाई की प्रेरणा से इसे मंदिर का रूप मिल गया।
5. श्री शीतलनाथ दि. जैन मंदिर कैलाशगंज की स्थापना वर्ष 1983-84 में लाला इन्द्ररतन जी सर्राफ एवं अदेपुड़ा वैद्य यतीन्द्र नाथ जैन उनके अनुज श्री विजेन्द्र नाथ जी जैन द्वारा की गयी, यह मन्दिर द्वितीय तल पर स्थित है। इसकी मूल वेदी पर 1008 भगवान शीतल नाथ की मूर्ति स्थापित है।
6. श्री ऋषभ चैत्यालय बांस मंडी एटा की स्थापना लगभग वर्ष 1935-36 में श्री दरवारी लाल जी जैन अत्तर तथा श्री महीपाल जैन अत्तर के द्वारा की गयी थी। यह चैत्यालय प्रथम तल पर स्थित है इसकी मूल वेदी पर 1008 भगवान आदिनाथ जी की प्रतिमा जी स्थापित है।
7. श्री शान्तिनाथ चैत्यालय वैरूनगंज, गली जिटोली लाल घण्टाघर एटा की स्थापना लगभग वर्ष 1935 में लाला जानकी प्रसाद जी जैन द्वारा की गयी थी, तदोपरान्त इसका जीर्णोद्वार इनके सुपुत्र एवं पौत्र लाला पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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