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अत्यधिक उपयोगी धर्मशाला है। यहां पर धार्मिक कार्यक्रम जैसे सिद्धचक्र विधान, णमोकार मंत्र विधान, भक्तामर पाठ आदि होते रहते हैं। पर्दूषण पर्व पर जलधारा का कार्यक्रम भी प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
वर्तमान में ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष श्री सुनहरी लाल जी जैन हैं। सुभाषचन्द जैन, जय प्रकाश जैन, सुरेशचन्द्र जैन, महेशचन्द्र जैन कार्यकारिणी सदस्य हैं। मंदिर जी की शिखर बनाने की योजना चल रही है। जो शीघ्र ही कार्यान्वित होने को है।
एटा नगर के जिन मंदिर और इतिहास दिगम्बर जैन पदमावती पुरवाल (बड़ा मन्दिर) एटा उ.प्र. मौहल्ला सरावज्ञान, पुरानी वस्ती में लगभग 250 वर्ष पुराना स्थित है, बताया जाता है कि यह मंदिर श्री मोहन लाल जी जैन सर्राफ ने अपनी धन-सम्पत्ति से बनवाकर पद्मावती पुरवाल जैन समाज को सौंप दिया था, तब से आज तक अनेक बार समय-समय पर मंदिर की कार्यकारिणी समिति द्वारा जीर्णोद्वार होता रहा है। बताया जाता है कि बड़े मंदिर जी के भूभाग (गुफा) में लाला श्री पाल जी सर्राफ किसी अमूल्य मूर्ति के दर्शन एवं पूजा-पाठ एकान्त में अकेले ही किया करते थे, जिसको वह अपने उत्तराधिकारियों को अवगत नहीं करा पाये, इसको ढूंढ़ने का कई बार प्रयास किया गया, किन्तु सफलता नहीं मिली, जिसे ढूंढ़ने का समय-समय पर प्रयास किया गया है, और आगे भी किया जावेगा।
इस समय पुरानी बस्ती एटा में 13 जैन घर सर्राफ लोगों के थे, 7 घर सत् भैय्या लोगों के थे जिनमें एक श्री शीना राम जी जैन बजाज थे, 20 घर पुराने बाजार में थे, जो कि वर्तमान में भी उसे उसी नाम से जाना जाता है, इनमें अन्य पदमावती-पुरवाल समाज के घर थे।
पद्यावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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