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शाहदरा क्षेत्र गांधीनगर, ने एक जुट होकर गांधीनगर में पद्मावतीपुरवाल जाति की धर्मशाला का निर्माण कराया। पद्मावतीपुरवाल जाति के लिए ये गौरव के क्षण थे। श्री पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत धर्मपुरा दिल्ली-6 और उसके अध्यक्ष श्री रमेशचन्द जैन कागजी के साथ-साथ समस्त पंचायत के इस अनुकरणीय कार्य के लिए सभी ने सराहना की।
पं. श्री मथुरादासजी एटा जिले के बेरनी जनपद के होनहार व्यक्तित्व पंडित मथुरादास जी पुत्र श्री रामलाल जी मथुरा चौरासी, मुरैना और बनारस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के बाद शांतिनिकेतन में अध्यापन कार्य करके गुजरांवाला (लाहौर) स्थिति जैन गुरुकुल के अधिष्ठाता के रूप में ख्याति अर्जित करने के बाद 1933-34 में दिल्ली आये। उनकी क्षमताओं से प्रभावित होकर तत्कालीन जैन समाज में अग्रणीय श्री राजेन्द्रकुमार जैन ने उन्हें भारत बैंक में नियुक्त कर लिया। आंशिक रूप से वे दरियागंज के समंतभद्र संस्कृत विद्यालय में भी अध्यापन का कार्य करते थे। परिवार के पालन पोषण के साथ-साथ वे शास्त्र सभाओं के माध्यम से जिनवाणी मां का प्रचार और प्रसार भी करते थे। दिल्ली की पद्मावती पुरवाल दिगम्बर जैन पंचायत के वे 1951 से 1963 तक अध्यक्ष रहे। कई अखिल भारतीय संस्थाओं के उच्च पदाधिकारी भी रहे। वे बड़े सरल स्वभावी, स्वाभिमानी और मितभाषी थे। लगभग 90 वर्ष की उम्र में उनका स्वर्गवास हो गया। उनके पुत्र श्री अभयकुमार जैन वर्तमान में माडल टाउन रह रहे हैं।
वैद्य श्री द्वारिका दासजी। पं. मथुरादासजी के ही बड़े भाई वैद्य श्री द्वारिका दास जी लगभग 1933-34 में दिल्ली आये। उनके पुत्र सर्वश्री महावीरप्रसाद, पारसदास
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पद्मावतीपुरबाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और बिकास