________________
हैं यहां तथा इसके आस पास समय-समय पर त्यागी-व्रती मुनियों का दर्शन समागम आगमन बना ही रहता है। जहां त्यागी-व्रती मुनियों का दर्शन हो भला उसके पुण्य बंध का वर्णन कैसे किया जा सकता है। कवि के शब्दों में
वे गुरु चरण जहां पड़ें, जग में तीरथ सोय।
यहां पर पद्मावती पुरवाल समाज के 2 घर हैं तथा जनसंख्या 20 होगी एक जिनालय है। जिला इटावास्थान परिवार जनसंख्या मंदिर विशिष्ट संख्या
विवरण 1. इसौली 2 20 1
अहिच्छत्र
अहिच्छत्र उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की आंवला तहसील में स्थित है अलीगढ़ से बरेली लाइन पर आंवला स्टेशन है। आंवला स्टेशन से अहिच्छत्र द्वारा 18 कि.मी. है। इसका पोस्ट आफिस रामनगर है।
अहिच्छत्र आजकल रामनगर का एक भाग है। इसको प्राचीन काल में संख्यावती नगरी कहा जाता था। यहां पर भगवान पार्श्वनाथ का केवलज्ञान उत्पन्न हुआ था। इन्द्रों और देवों ने आकर भगवान के ज्ञान कल्याणक की पूजा की थी।
संवर नामक देव ने पार्श्वनाथ के ऊपर उपसर्ग किया तब नागेन्द्र द्वारा भगवान के ऊपर छत्र लगाया गया था, इस कारण इस स्थान का नाम संख्यावती के स्थान पर अहिच्छत्र हो गया। साथ ही भगवान के केवलज्ञान कल्याणक की भूमि होने के कारण यह पवित्र तीर्थक्षेत्र हो गया।
अहिच्छत्र में वर्तमान मंदिर के पहले इस मंदिर के स्थान पर पद्मावती पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
196