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पद्मावती पुरवाल मालिक फर्म आलमचंद हरकचंद जी शुजालपुर ने बनवायी । वी. सं. 2478
यह उपरोक्त कार्य पर्वतराज के जिनालयों की वन्दना का है। अब आपको ले चलते हैं पवर्तराज के परिक्रमा पथ पर
परिक्रमा पथ भी पहले ठीक नहीं था। इस पर ईंटों का एक फुट ऊंचा खरंजा लगवाया गया
योगदान - 1. परिक्रमा का 84 फुट का यह भाग श्रीमती पोलारानी ध. प. श्री लाला सोनपाल जी पद्मावती पुरवाल एटा वालों ने बनवाया वी.सं.
2489
2. 51 फुट का यह भाग श्रीमती धर्मपत्नी श्री लाला राजकुमार जी जैन पद्मावती पुरवाल सीमेन्ट एटा वालों ने बनवाया वी. सं. 2489
3. परिक्रमा का यह भाग (95) दौलतराम सुनहरी लाल जी पद्मावती पुरवाल, आगरा ने निर्माण कराया वी. सं. 2473
4. परिक्रमा का यह भाग (209) बाबू राजबहादुर सुपुत्र लाला खूबचन्द पद्मावती 'पुरवाल फिरोजाबाद ने निर्माण कराया वी. सं. 2473
5. परिक्रमा का यह भाग (214) श्रीमती कपूरी देवी मातेश्वरी मुंशी कामता प्रसाद जी पद्मावती पुरवाल धूलियागंज आगरा ने निर्माण कराया वी. सं. 2473
6. परिक्रमा का यह भाग (247) मोतीलाल मौजीलाल पद्मावती पुरवाल बड़ा गांव (एटा) ने निर्माण कराया वी.सं.
2473
7. परिक्रमा का यह भाग (275) श्रीमती मनका देवी ध.प. लाला बुद्धराम जी पद्मावती पुरवाल सकरौली (एटा) ने निर्माण कराया वी. सं. 2473
8. परिक्रमा का यह भाग (276) श्रीमती अंगूरी देवी ध.प. श्री मुंशीलाल पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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