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संग्रहणीय और महत्वपूर्ण हैं। परन्तु । मई, 1971 में प्रकाशित 'फिरोजाबाद जनपद अंक' और 1974 का भगवान महावीर 2500वां परिनिर्वाण विशेषांक' विशेष चर्चित रहे। जनपद अंक तो फिरोजाबाद के संबंध में शोधकर्ताओं के लिए एक अमूल्य संदर्भ ग्रंथ ही बन गया। कई प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में इसकी समीक्षा प्रकाशित हुई। इस कारण भी इसकी मांग कई वर्षों तक बनी रही।
ब्रजकिशोर जी का जीवन एकांगी नहीं रहा। वे सामाजिक व्यक्ति हैं और सामाजिक गतिविधियों में सदैव सक्रिय सहयोग देते रहते हैं, भगवान महावीर 2500वां निर्वाणोत्सव के अवसर पर स्थानीय जैन संगठन द्वारा प्रकाशित 'फिरोजाबाद जनपद जैन डाइरेक्टरी' तथा तीन-चार अन्य स्मारिकाओं के सम्पादन में अमूल्य योगदान दिया। श्री हाकिम सिंह उपाध्याय अभिनन्दन समारोह समिति, फिरोजाबाद द्वारा श्री पी.डी. जैन कालेज के संस्थापक प्रधानाचार्य पं. हाकिम सिंह उपाध्याय को 1985 में अनेक सार्वजनिक अभिनन्दन के अवसर पर समर्पित अभिनन्दन ग्रंथ 'जीवन सौरभ' के सम्पादन में दो अन्य सहयोगियों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वृद्धजन समिति जनपद फिरोजाबाद द्वारा षष्टम-वृद्धजन-सम्मान समारोह (1994) के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका 'वृद्धजन सेवा' का सम्पादन आपने ही किया। हाल ही में 17 दिसम्बर 2000 को दि. जैन महासमिति उत्तराचंल सम्भाग फिरोजाबाद के तत्वावधान में सम्पन्न प्रदेशीय अधिवेशन के अवसर पर श्री शौरीपुर बटेशवर दि. जैन सिद्ध क्षेत्र कमेटी द्वारा प्रकाशित बाबू जय कुमार जैन स्मृति ग्रंथ 'प्रेरणा' के सम्पादन का मुख्य कार्य आपके द्वारा ही किया गया। कमला नेहरू चन्द्र कुमारी जैन इण्टर कालेज की पत्रिका 'आशीष' के प्रथमांक का सम्पादन अतिथि-सम्पादक के रूप में आपके हाथों द्वारा ही सम्पन्न हुआ। कालेज से अवकाश ग्रहण के उपरान्त भी कालेज प्रबन्धन के आग्रह पर 'अमृत' के 25वें रजत जयन्ती अंक का सम्पादन भी अतिथि-सम्पादक पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास
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