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तक पूरा जीवन जन सेवा के लिए समर्पित है। तहसील सप्लाई कमेटी, प्रान्तीय रक्षकमण्डल तहसील कमेटी, कोटला ब्लाक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्राम पंचायत के प्रधान, स्वभान सहकारी समिति के अध्यक्ष तहसील बाढ़ पीड़ित समिति के मंत्री, जिला कांग्रेस के सदस्य, तहसील कांग्रेस के इंचार्ज, तहसील वैद्य सभा के अध्यक्ष, तहसील 24 सूत्रीय समिति के संयोजक आदि पदों पर रहते हुए फिरोजाबाद तहसील की जनता से आपका निकट सम्पर्क रहा है
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धार्मिक क्षेत्र मे भी उनकी सेवायें कम नहीं थीं। 1950 से जीवन पर्यन्त वे श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र, मरसलगंज के मंत्री रहे। सन् 1999 में वे अ.भा. पद्मावती पुरवाल महासभा के संयुक्त मंत्री, 1940 में पद्मावती सेवादल के कैप्टिन, 1988 में मंत्री कमला नेहरू हाईस्कूल व सदस्य उत्तरांचल तीर्थक्षेत्र कमेटी, मेरठ। 1991 में सदस्य प्रबन्ध समिति, श्री पी. डी. जैन कालेज, फिरोजाबाद। 1995 में अध्यक्ष दि. जैन उत्तरांचल महासमिति, संभाग फिरोजाबाद तथा 1997 में दि. जैन महासमिति, उत्तरांचल की समन्वय समिति के सदस्य मनोनीत किये गये ।
जारखी के प्रधान रहते हुए सिरसा नदी पर श्रमदान से एक विशाल पुल का निर्माण 1954 में करवाया जिस पर आज पचोपुरा - नारखी बरतरा पक्की सड़क का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा हो चुका है। इसी क्षेत्र में 14 पुलियां, पंचायत भवन, पीने के 6 कुएं, 27 मील जनमार्गों का निर्माण आदि कार्य कराये। सिरसा व सेंगर नदियों की बाढ़ के समय सन् 58, 60, 63 में नावों में घूमकर जनता के राहत कार्यों का संचालन किया। आगरा से 'ग्राम्य जीवन' साप्ताहिक पत्र का 2 वर्ष तक संचालन व सम्पादन किया। 2 सितम्बर 98 को उनका निधन होने पर उनके पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
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पद्मावतीपुरवाल दिगम्बर जैन जाति का उद्भव और विकास