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मोक्षमार्गस्य नेतारं मेत्तारं कर्मभूभृताम् । ज्ञातारं विश्वतत्त्वानां वन्दे तद्गुण लब्धये ॥
जो मोक्ष मार्ग के नेता है, (जो स्वय मोक्ष मार्ग पर चलकर मुक्त हुए और ससार के समस्त प्राणियो को भी वह मुक्ति का मार्ग दिखला गये), __ जो कर्म रूपी पर्वतो का भेदन करने वाले हैं (जिन्होने अपने समस्त कर्म नष्ट कर दिये हैं),
जो विश्व के समस्त तत्त्वो को जानते हैं (जो ससार के जड व चेतन समस्त पदार्थों की भूत, वर्तमान व भविष्य तीनो कालो की समस्त अवस्थाओ को जानते है), ___उनको मैं उन गुणो की प्राप्ति के लिये नमस्कार करता हू। (मैं उनको इसलिये नमस्कार करता हूं कि उन गुणो को प्राप्त कर मैं भी मोक्ष प्राप्त कर सक)।
जिनने रागद्वेष कामादिक, जीते सब जग जान लिया सब जीवों को मोक्ष मार्ग का, निस्पृह हो उपदेश दिया। बुद्ध, वीर, जिन, हरि, हर, ब्रह्मा या उनको स्वाधीन कहो भक्ति भाव से प्रेरित हो, यह चित्त उन्हीं में लीन रहो।