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पहुँचाना था। लौकिक नियमों के अनुसार भी वह व्यक्ति अपराधी माना जाता है।
एक वेश्या अथवा एक ठग किसी धनी व्यक्ति को विभिन्न प्रकार से फुसलाते है और उसको प्रसन्न करते हैं। परन्तु उनका यह कार्य सुखद होते हुए भी हिसा के अन्तर्गत ही आयेगा, क्योकि उस वेश्या व ठग का उद्देश्य किसी-न-किसी प्रकार से उस व्यक्ति के धन का अपहरण करना है। ___ एक शिकारी दिन भर शिकार की खोज मे फिरता रहता है, परन्तु उसके हाथ एक भी शिकार नही लगता। यद्यपि उस शिकारी के द्वारा किसी जीव को कोई भी कष्ट नहीं पहुंचा, परन्तु अपनी शिकार करने की भावनाओ और तदनुसार होन आचरण करने के कारण वह हिसक ही माना जायेगा। __ दूसरी ओर एक किसान खेत मे हल चला रहा है। उसके हल के नीचे आकर तथा उसके पैरो से कुचल कर बहुत से कीडे-मकोडे मर रहे हैं, परन्तु फिर भी वह किसान हिसक नहीं माना जाता, क्योकि उसका अभिप्राय किसी भी जीव की हत्या करने का नहीं है, अपितु अनाज उगाना ही है। इन जीवो की हत्या से उसका कोई प्रयोजन भी सिद्ध नहीं होता। इसका तात्पर्य यह नही है कि वह किसान बिल्कुल अहिसक है तथा उसको हिंसा का दोष नहीं लगेगा। उसे हिंसा का दोष अवश्य लगेगा, परन्तु यह उसकी भावनाओ और उसके काम करने के ढग के अनुसार ही लगेगा। जमीन पर चलते हुए कीडों-मकोडो को बचाने के लिये वह जितनी अधिक सावधानी बरतेगा, वह हिसा का उतना ही कम दोषी होगा।