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काग होती है। का उत्पादन काही होगा। नये हुए? तो
को नहीं कहते, इसलिए हम हिंसा के दोषी कैसे हुए? तो उनका यह तर्क युक्तिसगत नही होगा। निर्माता केवल उन्ही वस्तुओ का उत्पादन करता है जिनकी प्राहको मे माग होती है। यदि व्यक्ति इन वस्तुओ का प्रयोग नहीं करें, तो निर्माता इन वस्तुओ का उत्पादन कभी न करें। जैसे-जैसे इन वस्तुओ की माग बढती जा रही है, यह हत्याकाण्ड भी बढते जा रहे हैं । इसलिए इन वस्तुओ का प्रयोग करने वाले भी हिंसा के दोष से बच नही सकते।
(१७) अपने भोजन मे भी हमे इस प्रकार का विवेक रखना चाहिए कि जो भी वस्तु हम सेवन करे वह शुद्ध व सात्विक हो और उसमे किसी भी प्रकार के स्थूल व सूक्ष्म जीवो की उत्पत्ति न हुई हो। गोभी, गूलर, अजीर इत्यादि में और सड़ी-गली व कानी सब्जियो मे तो प्रत्यक्ष ही जीव देखे जा सकते हैं। खमीर, पनीर, सिरके, आसव तथा बहुत दिनों के अचार व मुरब्बे आदि खाद्य पदार्थों में भी सूक्ष्म जीवो की उत्पत्ति होती रहती है। हमे ऐसे खाब पदार्थों के सेवन से यथासम्भव बचना चाहिए। भोजन का हमारे स्वास्थ्य व मन से बहुत गहरा सम्बन्ध है । यदि हम शुद्ध व सात्विक भोजन करेंगे तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा, मन प्रसन्न रहेगा और हम बहुत से रोगो से भी बचे रहेगे। ___ आलू, कचालू, मूली, गाजर, जमीकन्द आदि जो सब्जिया जमीन के अन्दर पैदा होती हैं उनमे अन्य सब्जियो की अपेक्षा बहुत अधिक सूक्ष्म जीव होते हैं। इसलिए हमें यथासम्भव जमीन के ऊपर ही उगी सब्जियो का सेवन करना चाहिए।
(१८) खेती के विशेषज्ञ, खेती को खराब करने वाले