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संख्या में बढ़कर खाद्य पदार्थों को खराब कर देते हैं । इन्हीं के कारण कुछ दिन के रखे हुए खाद्य पदार्थों का रंग व स्वाद बदल जाता है, उनमे दुर्गन्ध आने लगती है और अन्तत वे सडने लगते हैं। इन्ही बैक्टीरियाओ से सुरक्षित रखने के लिये खाद्य पदार्थों को हवा बन्द डिब्बो मे, रेफ़रीजरेटरों में तथा ठण्डे गोदामो मे रखा जाता है। ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियो मे इन बैक्टीरियाओ की वृद्धि शीघ्रता से नही हो पाती और खाद्य पदार्थों को कुछ अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है । थोडा सा मैल का आधार मिलने पर भी ये बैक्टीरिया बहुत शीघ्रता से बढते है । हमारे पूर्वजो को इन जीवाणुओ का ज्ञान था, इसीलिये वे खाद्य पदार्थों की शुद्धता तथा अपने शरीर, अपने वस्त्रो और रसोई के बर्तनो व रसोई के स्थान की पवित्रता पर इतना अधिक ध्यान देते थे । परन्तु बाद मे हम तत्त्व की बात तो भूल गये और यह छुआछूत एक रूढि सो बनकर रह गयी । इसी कारण नई पीढी इस छुआछूत को दकियानूसी की सज्ञा देने लगी । अत हमे खाद्य पदार्थों की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए और उनको बैक्टीरिया के प्रवेश से यथाशक्ति बचाना चाहिये । ऐसा करने से हम स्वस्थ भी रहेगे और हिंसा के दोष से भी बचे रहेगे । बुरी आदतों से छुटकारा पाने का उपाय
कुछ व्यक्ति यह पूछते है कि हमको जो बुरी आदते पड़ गयी हैं, उनसे छुटकारा कैसे पाया जाय
इस सम्बन्ध मे निवेदन है कि कोई भी आदत ऐसी नहीं होती जिससे छुटकारा पाना सम्भव न हो । केवल व्यक्ति की इच्छा होनी चाहिये । बुरी आदतो से छुटकारा
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