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हैं और जो रासायनिक प्रक्रिया उन पर की जाती है, उसके कारण वे मनुष्यो के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाते हैं । यदि हम शुद्ध घी का प्रबन्ध नही कर सकें तो वनस्पति घी के स्थान पर हमे शुद्ध तेलो का प्रयोग करना चाहिए। शुद्ध तेल हमारे स्वास्थ्य को हानि भी नहीं पहुचाते और पौष्टिक भी होते हैं। ___इसी प्रकार मिलो की बनी हुई दानेदार चीनी भी मनुष्यो के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, क्योकि सफेद करने के लिए इसमे भी हानिकारक रसायन मिलाये जाते हैं। आजकल बढता हुआ मधुमेह (शुगर की बीमारी) इसी चीनी की देन है। इसके स्थान पर हमको शुद्ध गुड व खाड का सेवन करना चाहिए।
ब्रिटेन के बीस पोषक तत्व विशेषज्ञ डाक्टरो ने चीनी के सम्बन्ध मे जो रिपोर्ट पेश की है, वह उन लोगो की आखें खोल देने वाली है जिन्हे चीनी खाने का बेहद शौक है और जो उसे पोषक तत्व समझते है। मधुमेह के डर से एक खास आयु के बाद चीनी कम खानी चाहिए, यह तो आम तौर से कहा जाता था, परन्तु वह शरीर मे विभिन्न रोगो को जन्म देने वाली तथा स्वास्थ्य पर घातक प्रहार करने वाली है, इसका पता इस रिपोर्ट से ही चलता है। उनके अनुसार चीनी मोटापा बढाने तथा गठिया, अल्सर, मधुमेह, हृदय-रोग और त्वचा तथा दातो के रोग पैदा करने के सिवा और कुछ नहीं करती। उनका यह कहना है कि यदि आज का आदमी अधिक चीनी खाने की आदत छोड दे, तो अब से अधिक स्वस्थ रह सकता है।
आजकल बाजारो मे पिसा हुआ नमक मिलता है। यह भी स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है क्योकि नमक को साफ