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प्राचीन जैन स्मारक ।
नष्टभ्रष्ट हैं । (लेखक A. Rea ए० री साहब Archeological survey Report for 1905-6)
मदरास एपिग्रेफीके दफ्तरमें सी० ८ नं०में यहांके एक जैन मंदिरका नकशा है । तथा नीचे लिखे फोटो हैं
(१) नं० सी २४ दबे हुए मंदिरका नकशा । (२) नं० सी २५ जैन मूर्ति। (३) नं० सी २६ दबे हुए नैनमंदिरका दक्षिण पूर्वभाग। (४) नं० सी १०९ जैन पाषाण मूर्ति ।
(७) करनूल जिला । यहां ७५७८ वर्गमील स्थान है।
चौहद्दी यह है-उत्तरमें नदी तुंगभद्रा और कृष्णा, उत्तर पूर्व गुन्तर, पूर्वमें नेल्लोर, दक्षिण में कुड़ापा और अनंतपुर, पश्चिममें बेलारी।
' इतिहास-यह निला चालुक्य, चोल, गणपति रानाओंके अधिकारमें रहा है । १६ वीं शताब्दीके अनुमान विनयनगरके सबसे बड़े राजा कृष्णरायने सर्व प्रदेशपर अधिकार कर लिया था। पीछे मुसल्मानोंका कबना हो गया।
पुरातत्त्व-यहां Dolmens समाधि स्थान सब कुम्बुम् भागमें पाए जाते हैं जहां किसी समय जैनोंका बड़ा प्रभाव था । नीचे लिखे स्थानोंपर मिलते हैं
(१) मारकापुर तालुकामें एकोड प्लेममें ग्रामसे उत्तर इंद्रपल्लीकी तरफ दो तीन मीलतक पहाड़ियों के मध्यमें ऐसे
समूह हैं।