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मदरास व मैसूर प्रान्त | ववंशी - यह चंगलवासके उत्तर कोंगाल वामके निवासी थे । ११वीं शताब्दी में मैसूरके अर्कलग्रड ता० में तथा कुर्गके उत्तर येलसिविर देशमें राज्य करते थे । ये भी जैन थे They also were 1 Jains. इनके देशको पहले कोंगलनाद कहते थे ।
होयसाल - लोगोंकी उपाधि मलप्पा थी अर्थात् पहाड़ी सर्दार । सन् ९९७ के कुर्गके लेख ऐसे ४ मलप्पोंका वर्णन करते हैं ।
पर्वतकोटे वेद-मर्करासे उत्तर ९ मील ५३७५ फुट ऊंचा है । एपियैफिका कर्नाटिका जिल्द पहली (by Lewis Rice 1886) में जो कुर्गके शिलालेखों का वर्णन दिया हुआ है उनमें से जैन संबंधी वर्णन नीचे प्रकार है---
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गंगवंश -कुर्ग के शिलालेखोंसे गंगवंशका जो विशेष हाल माम हुआ सो यह है कि इनका प्रथम मुख्य राजा कोंगनी वर्मा धर्म महाराज के झंडे में मोरपिच्छका चिह्न था (नोट- यह बात प्रगट करती है कि ये दि० जैनधर्म के माननेवाले थे) राजा हरिवर्मा २४७ ई० में था । माधवने ४२५ में कादम्बवंशी कृष्णवर्माकी बहन के साथ विवाह किया था । पुन्नाट देशके राजा स्कन्धवर्माकी कन्या के साथ अविनीत ( ४२९ - ४७८ ) ने विवाह किया था जो कादम्बवंशी स्त्रीका पुत्र था । पुन्नाटवंशी राजा काश्यपगोत्री राष्ट्रवंशी राजा उदयादित्य (१०७० - ११०२) भुवनैकवीर बड़ा विद्वान् था इसको नागवर्माने गुणवर्मा कवि लिखा है । इसने हरिवंश, पुप्पदंतपुराण आदि ग्रंथ लिखे हैं (देखो कर्नाटक शब्दानुशासन)
(१) एक ताम्रपत्र जो मर्करा में पाया गया सन् ४६६ ई० । माधव महाराजके पुत्र कोंगनी महाराजने मुनि वंदनंदी भट्टारककी