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प्राचीन जैन स्मारक |
प्रवादीमल्ल
I आर्यदेव
चन्द्रकीर्ति - श्रुतबोध व कर्मप्रकृतिके कर्ता
श्रीपालदेव
मतिसागर
I
हेमसेन - विद्या धनंजय उपाधिधारी
I
दयापाल - मतिसागरके शिष्य वादिगज के साथी रूपसिद्धि कर्ता
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वादिराज
1
श्रीविजय - हेमसेनके समान, वादिराज द्वारा प्रशंसनीय
कमलभद्र
1
दयापाल पंडित
}
शांतिदेवस्वामी आहवमल्ल राजा द्वारा प्रदत्त शब्द चतु
मुख उपाधि घारी
गुणसेन भुल्लरके I
अजितसेन -वादीमसिंह उपाधिवारी
शांतिनाथ या कविकांत
पद्मनाभ या वादिकोलाहल
कुमारसेन
महिषेण मलघारी, आचार्य अजितसेन के शिष्यने सन् १९२९ में माधिमरण किया ।