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श्रुतपंचमी क्रिया।
जिन महाशयोंको श्रुतपंचाके दिन बांचनेके लिये संस्कृत मूल श्रुतावतारकथा और श्रुतभक्ति तथा श्रुतपूजाकी जरूरत हो वे महाशय श्रीयुत पं. कलापा भरमापा, निटवे जैन मालिक जैनेन्द्रकापखाना कोल्हापुरसिटौके पास डांकखर्चसहित अ.. ढाई आनेकी टिकट भेजकर श्रुतपंचमी क्रिया नामकी संस्कृत पुस्तक मगालेवें.
जिनवाणी सेवक पन्नालाल बाकलीवाल.