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________________ .............. ........... .............. .................. .................... ........... ............ ............................. ................... ........... मंदिर की अवधारणा 'मंदिर' शब्द का अर्थ और भावार्थ... जैन-मंदिर : समवसरण का प्रतीक ...... जैन तथा अन्य मंदिरों की समानता मंदिर के अंग और विभाग. मंदिर का प्रमुख अंग मंडप'.................. जैन-मंदिरों का नामकरण.... मंदिर (जिन-प्रासाद) के प्रकार.... जैन मंदिर का एक शास्त्रीयरूप.. मंदिर के विविध रूप चौबीसी मदिर..... गृह-मंदिर निषीधिका : निसई या नसिया ............ प्रतीकात्मक मदिर..... सहस्रकूट......... स्तूप : जैन स्थापत्य की अनूठी देन ................ आयाग-पटो पर उत्कीर्ण स्तूप.. नगर-विन्यास नगर-विन्यास और उसके कुछ उदाहरण. ग्रामो और नगरो के भेद वैशाली नगरी का वर्णन... नगर-विन्यास : एक अनुचिंतन ........ ... जीर्णोद्धार का विधान जीर्णोद्धार की परम्परा...... जैन-मंदिरों का जीर्णोद्धार. जैन-मूर्तियों का जीर्णोद्धार .. जीर्णोद्धार का मनोविज्ञान .. ................ उद्धरण और संदर्भ................... पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या.............. सहायक ग्रन्य-सूची ......... .......... ............ ......... ................. .. ............ .......
SR No.010125
Book TitleJain Vastu Vidya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopilal Amar
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year1996
Total Pages131
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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