________________
( 5 )
प्र० ४५ - शास्त्र हमें क्या समझाते है ? उत्तर--शास्त्र आत्मा को समझाते है ।
प्र० ४६ - ज्ञान शास्त्र मे होता है या जींव में ? उत्तर - जीव मे ज्ञान होता है शास्त्र मे नही ।
प्र० ४७ - तुमने कभी समयसार शास्त्र को हाथ मे लेकर देखा
है ?
उत्तर - हाँ, देखा है ।
प्र० ४८ - शास्त्र किसे कहने हैं ? और कुशास्त्र किसे कहते है ? उत्तर - जिसकी रचना ज्ञानी करते है और जिससे आत्मा की पहिचान होती है उसे शास्त्र कहते है जिसे अज्ञानी बनाये वे कुशास्त्र है ।
प्र० ४६ - समयसार की रचना किसने की ? उत्तर - अचार्य कुन्दकुन्द जी ने ।
प्र० ५० - अपनी धार्मिक माता कौन है ?
उत्तर - अपनी धार्मिक माता जिनवाणी है ।
प्र० ५१ - आत्मा की सच्ची श्रद्धा को क्या कहते है ? उत्तर - आत्मा की सच्ची श्रद्धा को सम्यग्दर्शन कहते है । प्र० ५२ -- सम्यग्दर्शन हो तो उसे क्या मिलता है ? उत्तर - सम्यग्दर्शन हो तो उसे अवश्य मोक्ष मिलता है । प्र० ५३ - धर्म का मूल क्या है ?
उत्तर - सम्यग्दर्शन धर्म का मूल है।
प्र० ५४ - जीव संसार मे क्यो भटक रहा है ?
उत्तर - सम्यग्दर्शन के बिना जीव ससार मे भटक रहा है । प्र० ५५ - सबसे पहला धर्म कौनसा है ?
उत्तर - सच्चा ज्ञान ही सबसे पहला धर्म है ।
I