________________ अशुद्धि शुद्ध पष्ठ संख्या पंक्ति 186 ज्ञानधनरूप ज्ञानघनरूप 10 166 166 204 206 213 228 234 245 आत्मावलाकन झठा जन शन्तिनाथ भदरूप वतादि की सक्षीभूत आत्मावलोकन झूठा जैन शान्तिनाथ भेदरूप व्रतादि को साक्षीभूत कैसे कसे 250 प्रकृतिया 252 254 272 263 266 प्रवृतिया आर छटकर परिगमन जसे कुशास्त्र घमकर मीर छ्टकर परिणमन जैसे कुशास्त्र का घूमकर