________________
समवाद है । समवाद कहो, शब्दसमय कहो एक ही बात है। ज्ञान द्वारा जाने हुए पदार्थ का प्रतिपादन शब्द द्वारा होता है । इसलिये उस शब्द को शब्दनय कहते हैं ।
प्रश्न १७१-समवाय (शब्द समय) किसे कहते हैं ?
उत्तर-समवाय अर्थात् समूह । पचास्तिकाय के समूह को अर्थात् सर्व समूह पदार्थ को समवाय कहते हैं। समवाय कहो, अर्थ समय कहो एक ही बात है । ज्ञान का विषय पदार्थ है, इसलिए शब्दनय से प्रतिपादित किये जाने वाले पदार्थ को भी नय कहते हैं वह अर्थसमय शब्द से उस पदार्थ का ज्ञान होना यह अर्थ समय है।
प्रश्न १७२-सम्अवाय (ज्ञान समय) किसे कहते हैं ?
उत्तर-सम् अर्थात् सम्यक प्रकार से (मिथ्यादर्शन के नाशपूर्वक), मवाय अर्थात् ज्ञान का निर्णय (सम्यग्ज्ञान) वह सम् अवाय है । सम् अवाय कहो, ज्ञानसमय कहो एक ही बात है। वास्तविक प्रमाण ज्ञान है, वह (प्रमाण ज्ञान) जब एक देशग्राही होता है तब उसे नय कहते हैं, इसलिए उसे ज्ञाननय कहा है।
प्रश्न १७३-समवाद (शब्द समय), समवाय (अर्थ समय), सम् अवाय (ज्ञान समय) दृष्टान्त देकर समझाओ?
उत्तर-(१) जैसे हमारे रजिस्टर मे सौ रुपया लिखा है, वह शब्द समय है (२ तिजोरी मे नकद सौ रुपया है वह अर्थ समय है। (३) हमारे ज्ञान मे भी सौ रुपये आये, वह ज्ञान समय है, उसी प्रकार गुरुदेव ने कहा, आत्मा । तो आत्मा शब्द वह शब्दनय है । (२) आत्मा पदार्थ मैं हू, यह अर्थ समय है। (३) आत्मा का अनुभव होना, वह ज्ञानसमय है। जैसे मिसरी शब्द शब्दनय। मिसरी पदार्थ अर्थ समय
और मिसरी का अनुभव रूप ज्ञान ज्ञानसमय है। १शव्य दन) खाते मे १००)/आत्मा शब्द पाच अस्तिकाय
कथन २ अर्थनय तिजोरी मे नकद १००) आत्मा पदार्थ पाच अस्तिकाय
पदार्थ ३ज्ञानमय ज्ञान मे १००) आत्मा का अनुभव पाँच अस्तिकाय
का ज्ञान