________________ ( 224 ) व्यवहार निश्चय दोनो के पक्ष को मैत्री पूर्वक कहे, वह प्रमाण है। (748, 750 दूसरी पक्ति) प्रश्न १७५-अनेक नय का प्रयोग वताओ? उत्तर-द्रव्य है, गुण है, पर्याय है, तीनो अनेक हैं। अपने-अपने लक्षण से भिन्न-भिन्न है / यह अनेक नामा व्यवहार नय का पक्ष है। (752) प्रश्न १७६----एक नय का प्रयोग बताओ? उत्तर-नाम से चाहे द्रव्य कहो अथवा गुण कहो अथवा पर्याय कहो पर सामान्यपने ये तीनो ही अभिन्न एक सत् है इसलिये इन तीनो मे से किसी एक के कहने से बाकी के दो भी विना कहे ग्रहण होते ही हैं यह एक नामा व्यवहार नय है।। (753) प्रश्न १७७---शुद्ध द्रव्याथिकनय का प्रयोग बताओ? उत्तर- निरश देश होने से न द्रव्य है, न गुण है, न पर्याय है और न विकल्प से प्रगट है यह शुद्धद्रव्याथिकनय का पक्ष है। (754) प्रश्न १७८-प्रमाण का प्रयोग बताओ? उत्तर-पर्यायाथिक नय से जो सत् द्रव्य गुण पर्यायो के द्वारा अनेक रूप भेद किया जाता है, वही सत् अशरहित (अखण्ड) होने से अभेद्य एक है यह प्रमाण का पक्ष है। (755) प्रश्न १७६-अस्ति नय का प्रयोग बताओ? उत्तर-विपक्ष की अविवक्षा रहते वस्तु सामान्य अथवा विशेष जिसकी विवक्षा हो, उस रूप से है / यह कहना एक अस्ति नामा व्यवहार नय है। (756) प्रश्न १८०-नास्तिनय का प्रयोग बताओ? उत्तर-विपक्ष की विवक्षा रहते वस्तु सामान्य अथवा विशेष जिस रूप से नही है वह नास्ति पक्ष है। (757) प्रश्न १८१--अस्ति नास्ति पर द्रव्याथिक नय का प्रयोग बताओ। उत्तर-तत्त्व स्वरूप से है यह भी नहीं है। तत्त्व पररूप से नही