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( 66 ) उत्तर - मोक्ष का पुरुषार्थ नहीं हो सकेगा। प्रश्न (२२२)-कोई विशेष को न माने तो क्या नुकसान है ? उत्तर-संसार और मोक्ष ही नहीं रहेगा। प्रश्न (२२३)-सामान्य विशेष से क्या जानना चाहिए? उत्तर - अपने सामान्य और विशेष दोनों को जानकर अपने
सामान्य की ओर दृष्टि करने से पर्याय में से विकार का प्रभाव और धर्म का उत्पाद होता है। फिर जैसे जैसे अपने सामान्य में एकाग्रता करता जाता है क्रम से वृद्धि करके परिपूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होती है। __ अनादि से अनन्त काल तक जिन, जिनवर और जिनवरवृषभों ने द्रव्य का स्वरुप बतलाया है और बतायेंगे उन सब के चरणों में अगणित नमस्कार ।