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कारणो मे से कर्म का सच्चा कारण उस समय पर्याय की योग्यता ही
है |
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प्रश्न ८५ - आसव तत्व का कर्त्ता कौन है उत्तर - उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण है । प्रश्न ८६ - कर्म के कारण आस्रव माने तो क्या दोष आवेगा ? उत्तर- अजीव तत्व और आस्रव तत्व को एक माना कर्मकारक को नही माना ।
प्रश्न ८७ - जीव के कारण आलव माने तो क्या दोष आवेगा ? उत्तर - जीव और आस्रव तत्व को एक माना कर्मकारक को नही
माना ।
प्रश्न ८ - ओलव तत्व सम्बन्धी भूल कैसे मिटे ?
उत्तर - आस्रव का कर्त्ता उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण ही है द्रव्यकर्म और जीव नही । देखो, यह कर्मकारक को मानने से आस्रव तत्व सम्वन्धी भूल दूर हो गई ।
प्रश्न ८ - बंध तत्व का कर्त्ता कोन है
उत्तर - उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण है। प्रश्न ६० - बंध तत्व का कर्त्ता द्रव्यकर्म को माने तो क्या दोष आवेगा ?
उत्तर- अजीव और वध तत्व को एक माना- कर्म कारक को नही
माना ।
प्रश्न ६१ - जीव के कारण बंध को माने तो क्या दोष आवेगा ? उत्तर - जीव और वध तत्व को एक माना- कर्म कारक को नही माना ।
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प्रश्न ६२ - बंध तत्व सम्बन्धी भूल कैसे मिटे ?
उत्तर - भाव वध "उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से ही " है कर्म और जीव से नही है । देखो कर्म कारक को - मानने से वध तत्व सम्बन्धी भूल दूर हो गई ।