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( १६ ) प्रश्न ८-कारक कितने हैं और कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-छह हैं-(१) कर्ता (२) कर्म (३) करण (४) सम्प्रदान (५) अपादान और (६) अधिकरण ।
प्रश्न :-विभक्ति कितनी हैं ? उत्तर-सम्बोधन सहित आठ हैं। प्रश्न १०-कारको मे से कौन-कौन सी विभक्ति निकाल दी ? उत्तर-छठी सम्बन्ध विभक्ति और सम्बोधन को निकाल दिया।
प्रश्न ११-छठी सम्बन्ध विभक्ति और सम्बोधन को क्यो निकाल दिया?
उत्तर-(१) छठी विभक्ति सम्बन्ध को बताती है जैसे -मेरा मकान, मेरा भगवान । कारक की परिभाषा मे, “जो क्रिया का जनक हो उसे कास्क कहते है" । छठी विभक्ति मे कार्यपना नही पाया जाता और ज्ञानी किसी के साथ सम्बन्ध नही मानते, इसलिए छठी विभक्ति को निकाल दिया। (२) सम्बोधन मे-हे राम, हे लक्ष्मणपना पाया जाता है, क्रियापना नहीं पाया जाता और ज्ञानी किसी को सम्बोधते नही, क्योकि प्रत्येक आत्मा ज्ञान का कन्द है इसलिए सम्बोधन को भी निकाल दिया।
प्रश्न १२-विभक्ति के कितने अर्थ हैं ?
उत्तर-दो हैं (१) वि=विशेष रूप से। भक्ति-लीनता करना अर्थात् आत्मा मे विशेष प्रकार लीनता करना यह निश्चय भक्ति अर्थात् विभक्ति का पहला अर्थ है। (२) वि अर्थात् विशेष प्रकार से, भक्त अर्थात् पृथक् होना, यह विभक्ति का दूसरा अर्थ, है ।
प्रश्न १३-दूसरा विभक्ति का अर्थ जो "विशेष प्रकार से पृथक् होना" किया है यह किस-फिस से पृथक् होना है ?
उत्तर-(१) अत्यन्त भिन्न परपदार्थों से पृथक् होना (२) आँख नाक-कान रूप औदारिक शरीर से पृथक् होना (३) तैजस कार्माणशरीर से पृथक् होना (४) शब्द और मन से पृथका होना