________________ ( 163 ) (2) अव एकमात्र बोलने रूप कार्य के लिए उस समय पर्याय को योग्यता क्षणिक उपादान कारण को तरफ देखना रहा। B. प्रश्न १४-वास्तव में उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण ही मुंह खुलने रूप कार्य का सच्चा उपादान कारण है। ऐसा जानने-मानने से क्या-क्या लाभ हुआ? उत्तर-(१) मुंह खुलने रूप कार्य के लिए अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्वर की तरफ देखना नही रहा / (2) अब एक मात्र मुंह खुलने रूप कार्य के लिए उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण की तरफ ही देखना रहा / C. प्रश्न १४-वास्तव मे उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण ही रागरूप कार्य का सच्चा उपादान कारण है। ऐसा जानने-मानने से क्या-क्या लाभ हुआ? उत्तर-(१) रागरूप कार्य के लिए अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की तरफ देखना नही रहा / (2) अब एकमात्र रागरूप कार्य के लिए उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण की तरफ ही देखना रहा। D. प्रश्न १४–वास्तव में उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण ही ज्ञानरूप कार्य का सच्चा उपादान कारण है। ऐसा जानने-मानने से क्या-क्या लाभ हुआ ? उत्तर-(१) ज्ञान रूप कार्य के लिए अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण की तरफ देखना नही रहा / (2) अव एकमात्र ज्ञान रूप कार्य के लिए उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण की तरफ ही देखना रहा। 15 A. प्रश्न 15--(1) भाषा वर्गणात्रिकाली उपादान कारण और बोला उपादेय। (2) अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक