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रने का सरल उपाय
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पांचप्रकार | पाँच प्रकार उत्तमक्षमा ईर्या समिति
पांच प्रकार | बचन गुप्ति
पांच प्रकार संच प्रकार | संयोग की पृथकत | सुधा-परिषह | नमस्कार... | प्रादि तीन बोल
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जड
जडं उत्तम क्षमा
जड ईर्यासमिति
जड वचन गुप्ति
जड़ क्षुधा परिषह
जड़ दि संयोग की नमस्कार पृथकता
द्रव्य
द्रव्य
जड
द्रव्य
विभावरूप
द्रव्य ईसमिति
उत्तम क्षमा
नमस्कार
वचन गुप्ति
क्षधा परिषह
शक्ति रूप उत्तम क्षमा
शक्तिरूप शक्ति रूप | शक्तिरूप शक्ति रूप | परम स्वभाव ईर्या| वचन- । क्षधा | नमस्कार | की सामर्थ्यता समिति ! गुप्ति | परिषह
एकदेश | एकदेश | एकादेश | एकादेश | एकदेश | एकदेश भाव | भाव ईर्या भाव | भाव | भाव | स्वभाव की उत्तम क्षमा समिति वचनगुप्ति क्षुधापरिषह नमस्कार | सामर्थ्यता
पूर्णदेश । पूर्णदेश | पूर्ण देश | पूर्णदेश | पूर्णदेश | पूर्णदेश
भाव | भाव ईर्या, भाव | भाव | भाव- | स्वभाव की उत्तमक्षमा समिति | वचनगुप्ति | क्षधापरिषदा नमस्कार | सामर्थ्यना