________________ (201) No 107. पहिले था अब नहीं है इससे कौनसा प्रभाव ध्यान में पाता उ० प्रागभाव ध्यान में प्राता है / प्र० 108. चारों प्रभाव रूपी है या अरूपी ? उ० पुद्गल के रूपी हैं और बाकी द्रव्यों के प्रल्पी हैं। प्र० 106. घाति कर्म और अघाति कर्म में कौन सा प्रभाव है ? उ० प्रन्योन्याभाव है। प्र० 110. दंड चक्र से घड़ा बना, तो कौनसे प्रभाव को भूला ? उ० प्रन्योन्याभाव को भूला है / प्र० 111. भगवान के जिनबिम्ब के दर्शन करने से सम्यग्दर्शनादि प्रगट होते हैं, क्या यह बात ठीक है ? यह व्यवहार कयन है; व्यवहार कथन को सचा मानने वाले ने अगुरुलघुत्वगुण और प्रत्यंताभाव को नहीं माना / प्र० 112. द्रव्यत्वगुण के कारण ज्ञान में क्या होता है ? उ० ज्ञान गुण में निरन्तर समय 2 पर नया 2 परिणमन होता है। प्र० 113. प्रगुरुलघुत्व गुण के कारण, ज्ञान में क्या होता है ? / 30 ज्ञानगुण, वर्णादि पुद्गलों के गुणों में नहीं जाता और ज्ञान गुण श्रद्धा, चारित्र प्रादि दूसरे गुणों रूप नहीं होता है / प्र. 114. (1) जीव (2) शरीर (3) बुखार (4) सिद्ध(५ ) दया (6) उ०