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जैन-शिलालेख-संग्रह
२५५ पैरिस संग्रहालय (मूल स्थान अज्ञात )
सं० १९६६ = सन् १६१०, संस्कृत-नागरी पैरिस के म्यूजी गिमे से प्राप्त एक फोटोग्राफ क्र० एम जी २१०८८ में कांसे की जिनमूर्ति दिखायी गयी है जो उक्त वर्ष में स्थापित की गयी थी।
रि० इ० ए० १९५६-५७ शि० ऋ० बी ५४४
२५६-२५७
उखलद (परभणी, महाराष्ट्र) सं० १६१९ = सन् १६१३ तथा शक १५३८ = सन् १६१६
संस्कृत-नागरी इस लेख में काष्ठासघ के भट्टारक जसकीर्ति द्वारा फाल्गुन व. (१०) गुरुवार सं० १६६९ में एक जिनमूर्ति को स्थापना का वर्णन है।
रि० इ० ए० १९५८-५९ शि० ऋ० बो २५९
यही के एक अन्य मूर्तिलेख मे फाल्गुन व. २ शक १५३८ नल संवत्सर यह स्थापना की तिथि तथा बलात्कारगण सरस्वतीगच्छ के विशालकीति का नाम अकित है।
रि० ३० ए० १९५८-५९ शि० ऋ० बी २६८