________________
-
१४४ ]
सिरपुर
१४३
हिरेकोनति ( धारवाड, मैसूर )
सन् १२७८, काड
यादव राजा रामचन्द्र के संवत्सर के दिन जिन भट्टारक स्मारक है ।
के
$9
राज्य में चैत्र व० १० सोमवार बहुधान्य किसी शिष्य के समाधिमरण का यह
रि० ३० ए० १६५७-५८, शि० क्र० बी २७३
६४४
सिरपुर (अकोला, महाराष्ट्र )
सं० १३३४ = सन् १२७८, संस्कृत - नागरी
इस ग्राम की सीमा पर स्थित पवळी मन्दिर नामक जिनालय के द्वार पर तीन पंक्तियों का यह लेख है । यह बहुत अस्पष्ट हुआ है । तथापि श्रीमाल वंश के ठ० राम, संघपति ठ० जगसीह तथा अंतरिक्ष श्री पार्श्वनाथ ये शब्द पढे जा सकते हैं । अकोला जिला गजेटियर ( सन् १९१० मे प्रकाशित ) मे डब्लू० हेग ने इस की तिथि संवत् दी है ( उन्होंने इस का रूपान्तर सन् १४०६ दिया है
१३३४ इस प्रकार
वह कैसे इस का
स्पष्टीकरण नही मिलता ) । मूल लेख तथा उस के फोटो को देखकर सम्पादक ने यह विवरण जून १९६८ मे अंकित किया था । अनेकान्त वर्ष २१ पृ० १६२ पर श्रीनेमचन्द डोणगावकर ने इस लेख के वाचन का प्रयास किया है । उन्होंने लेख की तिथि शक १३३८ पढ़ी है ।