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२१ बेल्देवं बरेदं
२३ रि ॥
जैन शिलालेख - संग्रह
२२ इलवेडे मल्लाचा
[ इस लेखमे ( गंग राजा ) एरेयके समय एलाचार्य के समाधिमरणका तथा उनके शिष्य कल्नेले देव द्वारा उनकी निसिधिकी स्थापनाका उल्लेख है । गोम्मटदेवको स्थावरतीर्थ तथा कल्नेलेदेवको जंगमतीर्थ कहकर उनकी प्रशंसा की है । लेख १०वीं सदीके प्रारम्भका
शक ८४७
[ ७६
। ]
[ ए०रि० मैं० १९९४ पृ० ३८ ]
७७
बदलिके (मैसूर)
शक ८२४ = सन् १०२, कन्नड
[ यह लेख राष्ट्रकूट राजा कृष्ण २ अकालवर्षके समयका है । महासामन्त बकेयर सके पुत्र लोकटेयरसके अधीन पेगंडे बिट्टय्य-द्वारा शक ८२४ में बन्दणिमें एक बसदिके निर्माणका इसमे उल्लेख है । लोकटेयरसने इस बसदि के लिए नागर खण्ड ७० विभागका दण्डिपल्लि ग्राम बिट्टय्यको दान दिया था । ]
७८
[ ए०रि० मैं ० १९११ पृ० ३८ ]
असुण्डि (मैसूर) सन् ९२५, कन्नड
[ यह लेख राष्ट्रकूट सम्राट् गोविन्द ( चतुर्थ ) नित्यवर्ष के समय शक ८४७, पार्थिव संवत्सरमें लिखा गया था। इसमें नागय्य द्वारा एक जिनालयका निर्माण तथा उसके लिए कुछ भूमिदान किये जानेका उल्लेख है । यह दान बंकापुरके घोरजिनालय के प्रमुख चन्द्रप्रभ भटारके शासनकालमे दिया गया था । ]
( मूल कन्नड मे मुद्रित )
[ सा० इ० इ० ११ पृ० २० ]